Meri fitrat hai mastana (मेरी फितरत है मस्ताना) मेरी नींदों का रिश्ता खुशबुओं के साथ बन जाये मुझे वो ख़्वाब भेजो तुम कि मेरी रात बन जाये मेरे दिल की ज़मीनो में दरारें ही...
खुदा के हुक्म से क्यूँ कोई ये जहाँ छोड़े हम ज़मीं छोड़ दें, पहले वो आसमाँ छोड़े दिल को पत्थर भी करोगे तो कुछ न बदलेगा दर्द फरहाद है, पत्थर पे भी निशाँ छोड़े...
Teri talash me gum hu तेरी तलाश में गुम हूँमैं इक ज़माने से चला भी आ तू कहीं से किसी बहाने सेचलूँ मैं घर से तो दीवारें साथ चलती हैंमेरा वो रिश्ता है अपने...
अब कोई बात न होगी हमारे बीच (Ab Koi Baat Na Hogi Humare Beech) वो अपने गुनाहों से पशेमां होठों से लफ्ज़ों को भींच मैं उसकी खताओं से परेशां उसकी नासमझी पर खीज अब...