KAVITAYE

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Mausham Badal Rha Hain (मौसम बदल रहा है)

आने से तेरे दिल का मौसम बदल रहा है हाँ अब ये लग रहा है के वक्त चल रहा है ना पूछ राज़ जाना फींकी-सी इस हँसी का काँटा कोई पुराना इस दिल में...
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Parvaashi hote huwe (प्रवासी होते हुये)

सालिम अली थे, उनसे मैंने जाना था अपने गाँव की चौपाल पर पहली बार किसी डॉक्यूमेन्ट्री में कि पंछी प्रवासी होते हैं खैर तब तक तो मुझे प्रवासी होने का भी अर्थ नही पता...
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Ab Mujhe Dard Nhi Hota (अब मुझे भी दर्द नहीं होता)

और एक दिन वो मेरी गाड़ी के नीचे आ गया! एक हादसा मेरे रोज़मर्रा के रास्ते पर हो गया था ! उसका ज़ख्म गहरा था मुझे दिख रहा था उसका खून बह रहा है...
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Tumhara Sath (तुम्हारा साथ)

तुम्हारा साथ होता है बसंत की तरह जिसमे मुस्कराती हैं कलियाँ लहलहाते हैं खेत मचलती हैं हवायें इठलाते है बादल और उन्ही में से झांकता है सूरज…. तुम्हारा साथ होता है बारिश की तरह...
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Maa Nhi Hain (माँ नहीं है)

माँ नहीं है बस मां की पेंटिंग है, पर उसकी चश्मे से झाँकती आँखें देख रही हैं बेटे के दुख बेटा अपने ही घर में अजनबी हो गया है। वह अल सुबह उठता है...
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चहकते हुए पड़ोस में (Chahkte hue padosh me)

चहकते हुए पड़ोस में (Chahkte hue padosh me) —————— चहकते हुए पड़ोस में मातम सा छा गया है महंगाई का ये दानव एक दम से आ गया है! मांगी थी फीस उसने चांटा दिया...
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Dheere Dheere (धीरे-धीरे)

बात चलेगी धीरे-धीरे. रात ढ़लेगी धीरे-धीरे. गीली लकड़ी इंतज़ार की, आँख जलेगी धीरे-धीरे. गर रिश्तों पर बर्फ जमी तो, साँस गलेगी धीरे-धीरे. एक दुआ लब पर शिकवों के, साथ पलेगी धीरे-धीरे. लेकर चाँद का...
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निरंतर वध (Nirantar Wadh)

निरंतर वध (Nirantar Wadh) न होने पर भी मैं धर्मराज नहीं युधिष्ठिर नहीं मैं मैने पांसे नहीं फैंके जुआँ नहीं खेला दांव पर नहीं लगाया कुछ, पर मेरी द्रोपदी छिन गई उठा ले गया...
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रंग की हों पपड़ियाँ उचली किसी दीवार से (Rang Ki Ho Papdiyan Uchli Kisi Diwar Se)

रंग की हों पपड़ियाँ उचली किसी दीवार से (Rang Ki Ho Papdiyan Uchli Kisi Diwar Se) अब क्योंकि हाथ ख़ाली लौटा हूँ बाज़ार से, हाथ ही सर पे फिरा दूंगा मैं उसके प्यार से,...
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Pita ka budha hona (पिता का बूढा होना)

पिता: एक तुम बुड्ढे हो गए पिता अब तुम्हें मान लेना चाहिए आने वाला है ‘द एण्ड’ तुम बुड्ढे हो गए पिता कि तुम्हारा इस रंगमंच में बचा बहुत थोड़ा-सा रोल ज़रूरी नहीं कि...
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