Meri fitrat hai mastana (मेरी फितरत है मस्ताना)
मेरी नींदों का रिश्ता खुशबुओं के साथ बन जाये मुझे वो ख़्वाब भेजो तुम कि मेरी रात बन जाये
मेरे दिल की ज़मीनो में दरारें ही दरारें हैं उसे कह दो कि आये और मेरी बरसात बन जाये
दवाओं मरहमों से ज़ख्म मेरे भर नहीं सकते वो माँ की फूँक मिल जाये तो शायद बात बन जाये
मेरी फितरत है मस्ताना….
For Shayari
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